"हंसी मज़ाक की हो कोई बात , या हो कोई ज्वलंत विचार
व्यंग्य लाया है समक्ष सबके लेकर जन जन का प्रचार"
व्यंग्य साहित्य की एक विधा है जिसमें उपहास, मज़ाक (लुत्फ़) और इसी क्रम में आलोचना का प्रभाव रहता है। राजीव गाँधी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय प्रस्तुत करता है व्यंगय कार्यक्रम जिसमे आप अपने व्यंग्य प्रस्तुत कर लोगो के समक्ष अपने विचार रख सकते है व दुसरो के विचारो को भी जान सकते है l
हास्य और व्यंग्य जीवन नौका के दो पतवार हैं। इनके बिना न केवल जीवन अधूरा है बल्कि नीरस भी है। जीने की कला के ये सबसे बेहतर रास्ते हैं, हमारे थके हारे मन को ताजग़ी देते हैं, जीवन की विडम्बनाओं पर खुल कर हंसने का अवसर देते हैं और जटिल परिस्थियों से जूझने का मनोबल भी। हास्य व्यंग्य के इन पृष्ठों पर ऐसे हर लेख का स्वागत है जो आपको जाने अनजाने गुदगुदा गये हों या फिर जिनपर हंसना चाहते हुए भी आप हंस न पाए हों, बस आहत होकर रह गये हों। आपको पूरी स्वतंत्रता है ऐसे कांटे से चुभने वाले पलों को व्यंग्य की तीखी धार से रचना का रूप देने की और बोलोजी के हजारों हिन्दी पाठकों से मिल कर बांटने की। हमें आपकी रचनाओं का इन्तजार है।
व्यंग - व्यंग,एक कार्यक्रम है जिसमें प्रतिभागियों को 5 से 7 मिनट्स के अंतराल में "stand up comedy" करनी होगी। इसके बाद दर्शकों और निरीक्षकों की राय लेकर उन्हें 10 में से अंक दिए जाएंगे।
कार्यक्रम के अंत में तीन विजेता होंगे, जिन्हें क्रमशः सबसे ज्यादा अंक मिलेंगे।
निर्देश -
१. समय अवधि का ध्यान रखा जायेगा, किसी भी प्रतिभागी के ज्यादा समय लेने पर उसके अंक कम किये जायेंगे।
२. अभद्र भाषा का उपयोग प्रतिभागी को खेल से बाहर कर देगा।
३. कार्यक्रम के अंत में सिर्फ निर्णायक दल का फैसला ही मान्य होगा।
कोई भी समस्या आने पर या किसी भी नियम का उलंघन होने पर आयोजक द्वारा दिया गया निर्णय आखिरी होगाl